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14 दिस॰ 2019

वसुधैव कुटुम्बकम

वसुधैव कुटुम्बकम..
यह मेरा है, वह तेरा है,
यह सोचें छोटे दिल के, 
सारी वसुधा है, कुटुम्बवत 
उदार चरित रहें, हिल मिल के॥
संस्कृत से हिंदी काव्यानुवाद  ||

(478 ) ..डॉ. ओ.पी.व्यास 

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद