श्री भगवान विष्णु का मंत्र ......
ॐशांता कारं भुजग शयनम पद्म नाभं सुरेशम ,|
विश्वानि धारम , गगन सद्रशम ,मेघ वरणम ,शुभांगम ,||
लक्ष्मी कांतम ,कमल नयनम , योगिविरध्यान गमयम ,|
वंदे विष्णु भव भय हरम ,सर्व लोकैक ,नाथम ||
ॐ आकार शांत वाले |
शय्या भुजंग काले ||
नाभि में कमल जिनके ||
आधार हैं जगत के |
सद्रश हैं गगन के ||
मेघों के जैसा रंग है |
शुभ शुभ हर एक अंग है ||
कोमल कमल नयन हैं |
जहां योगिओं के मन हैं ||
लोकों के नाथ हैं वे |
मेरे भी साथ हैं वे |
हे लक्ष्मी कान्त वंदे |
भव भय प्रशांत वंदे ||
डॉ . ओ .पी .व्यास
--------------------------------------