पानी
[बच्चों की प्यारी कविता ]
पानी की बरसात हुई, मौसम हुआ सुहाना |
शुक्रिया प्रभु का करें, जो देता हमें खजाना ||
{ 1 }
पानी से होती है खेती, लगें पानी से बाग |
पानी से ही बुझे है, तन की मन की आग ||
पानी शिक्षा दे रहा, शीतल वाणी बोल |
सबको हों शुभ कामना, करना नहीं मखोल ||
पानी के गुण का सभी गाते रहें तराना |
पानी की बरसात हुई, मौसम हुआ सुहाना |
शुक्रिया प्रभु का करें, जो देता हमें खजाना ||
{ 2 }
पानी के कारण मिलें, सभी तरह के अन्न |
पानी से होता कपास, जो ढँकता सबका तन ||
पानी से घी दूध हो, उससे बढ़ता बल |
पानी से मेवा मिले,हों पानी से फल ||
पानी को नहीं व्यर्थ में ,हमको कभी बहाना |
पानी की बरसात हुई, मौसम हुआ सुहाना ||
शुक्रिया प्रभु का करें, जो देता हमें खजाना ||
{3}
{3}
मेंढक , मोर ,पपीहा नाचें, गाएँ ,चारों ओर |
पेड़ों में नए पत्ते आए ,लगी पुष्पों में होड ||
पुष्पों के पराग से ही , बनता है मधुर शहद |
सरिताएं जल से भरीं ,लांघ चलीं लो हद ||
भजन ,कीर्तन होने लग गए ,पक्षी खाएं दाना |
पानी की बरसात हुई ,मौसम हुआ सुहाना |
शुक्रिया प्रभु का करें ,जो देता हमें खजाना ||
{ 4 }
मीठा पानी ले चलीं, नदियां सागर ओर |
कोशिश है समुद्र का, हटे खारे पन का ज़ोर ||
सागर में भी पल रहे, अनगिनत जीव समूह |
पानी की रचना बड़ी, बहुत बड़ा है व्यूह ||
जल के ही प्रताप का दिखता,सबमें ताना बाना |
पानी की बरसात हुई ,मौसम हुआ सुहाना |
शुक्रिया प्रभु का करें ,जो देता हमें खजाना ||
{ 5 }
अगर चाहते सुख जीवन में ,रखें नदियों को शुद्ध |
ज्ञानी, मुनि सब कह रहे ,कहते सभी प्रबुद्ध ||
गंगा , यमुना ,सरस्वती, सब नदियां हों साफ |
वरना ईश्वर किसी को, नहीं करेगा माफ ||
मल,मूत्र ,रसायन ,फल ,फूल और लाश |
नदियों में ना बहाएँ हम, सीख जाएँ ये काश ||
पानी की बरसात हुई, मौसम हुआ सुहाना |
शुक्रिया प्रभु का करें, जो देता हमें खजाना ||
डॉ .ओ .पी .व्यास गुना म .प्र.भारत