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7 सित॰ 2016

भर्तृहरि नीति शतक मंगलाचरण . श्लोक क्र 1


भर्तृहरि नीति शतक काव्यानुवाद- डॉ.ओ.पी.व्यास
मंगलाचरण
शान्त ,तेज रूप परमात्मा ,
                          नमस्कार है , शत, शत बार |
सभी दिशा, और सभी काल में,
                            चेतन, व्याप्त, अनन्त प्रकार|श्लोक क्र [ 1 ]
1111111111111111111111[20  /7 / 1996 137 ]111111111111111111111111

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद