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26 अप्रैल 2023

chanakya neiti- हिंदी काव्यानुवाद - डॉ ओ. पी. व्यास

हो कन्या कुरूप, कुल वाली, तो भी उसे अपना लीजे |
हो अति सुन्दर, कुल हो नीच, पर कभी नहींं उसको वरिए ||
रत्न, स्वर्ण, गंदगी कीचड मे, उसको आप उठा लो "चन्द्र"* |
विद्या, विद्वत्ता मिले अगर नीच से, करो उसे अवश्य गुरुवर ||
कहे चाणक्य गर चुनना तुमको नीच, सर्प, दो मे से एक |
तो फिर सर्प को ही चुन लीजे, यह ही चन्द्र है, परम विवेक ||
क्योकि सर्प तो एक बार ही, डसता है "चन्द्र" सुनिए |
मगर नीच से पग पग संकट, कब तक अपना सिर धुनिए ||

*चन्द्र गुप्त
{चाणक्य नीति .. संस्कृत से हिन्दी काव्य भावानुवाद
- डा.ओ.पी.व्यास , पोएट, 27~4~2023, गुरुवार}

 

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद