- [ 371]
- श्लोक क्र .[ 59 ].
- . भर्तृहरि वैराग्य शतक,
- हे शम्भु, सदाशिव हे शंकर ।
- कब होगा ? मेरा दिग अम्बर ।।
- निष्काम, शान्त चित्त,
- एकाकी , कब होगा? ,पात्र ही ,मेरा कर ।
- कब? ,समर्थ मैं, होऊंगा ,
- निर्मूल, कर्म के फल ,को कर ।।
- हे शम्भु, सदाशिव, हे शंकर ।
- कब होगा ? मेरा दिग अम्बर ।।
- श्लोक क्र 59
- भर्तृहरि वैराग्य शतक
- काव्य भावनुवाद
- डॉ ओ पी व्यास
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14 फ़र॰ 2018
[ 371].. श्लोक क्र [ 59] भर्तृहरि वैराग्य शतक हे शम्भो ,सदाशिव, हे शंकर कब, होगा मेरा दिग अम्बर । डॉ ओ पी व्यास
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