[ 381 ] .
.श्लोक क्र. [ 68 ] .
.स्मृतियाँ , पुराण , वेदों के ,
पढने से है कौन प्रयोजन
बड़े बड़े शास्त्रों के पठन का ,
करते किस कारण आयोजन ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
हिंदी काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
स्मृतियाँ , पुराण , वेदों के ,
पढने से है कौन प्रयोजन |
बड़े बड़े शास्त्रों के पठन का ,
करते किस कारण आयोजन ||
यज्ञ कर्म से लाभ हुए क्या ,
क्या हुई स्वर्ग में कुटी नियोजन |
फल की कामना वाले कर्म का ,
मात्र यही तो है अभियोजन ||
प्रलय अग्नि से क्या होते हैं ,
भव बंधन के दुःख का निवारण |
आत्मानंद से क्या मिलता है ,नव जीवन को फिर स्पन्दन ||
श्लोक क्र. [ 68 ]
भर्तृहरि वैराग्य शतक
हिंदी काव्य भावानुवाद
डॉ.ओ.पी.व्यास
...............................................................................................................................................................
.श्लोक क्र. [ 68 ] .
.स्मृतियाँ , पुराण , वेदों के ,
पढने से है कौन प्रयोजन
बड़े बड़े शास्त्रों के पठन का ,
करते किस कारण आयोजन ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
हिंदी काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
स्मृतियाँ , पुराण , वेदों के ,
पढने से है कौन प्रयोजन |
बड़े बड़े शास्त्रों के पठन का ,
करते किस कारण आयोजन ||
यज्ञ कर्म से लाभ हुए क्या ,
क्या हुई स्वर्ग में कुटी नियोजन |
फल की कामना वाले कर्म का ,
मात्र यही तो है अभियोजन ||
प्रलय अग्नि से क्या होते हैं ,
भव बंधन के दुःख का निवारण |
आत्मानंद से क्या मिलता है ,नव जीवन को फिर स्पन्दन ||
श्लोक क्र. [ 68 ]
भर्तृहरि वैराग्य शतक
हिंदी काव्य भावानुवाद
डॉ.ओ.पी.व्यास
...............................................................................................................................................................