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कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है|
भर्तृहरि वैराग्य शतक ...
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास ..
कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है |
किसी ने भी तो धरा धारी नहीं भोगी नहीं है ||
गर्व क्यों करते हो पा पृथ्वी के अंश के भी अंश |
मानना ,पृथ्वी पति , दावा नहीं , है दंश ||
पर विषय आश्चर्य का, ,हैं मूर्ख, वे सब नर |
खेद वाली वस्तु को जो मानते सुनकर ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक .
.काव्य भावानुवाद
डॉ.ओ.पी.व्यास
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कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है|
भर्तृहरि वैराग्य शतक ...
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास ..
कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है |
किसी ने भी तो धरा धारी नहीं भोगी नहीं है ||
गर्व क्यों करते हो पा पृथ्वी के अंश के भी अंश |
मानना ,पृथ्वी पति , दावा नहीं , है दंश ||
पर विषय आश्चर्य का, ,हैं मूर्ख, वे सब नर |
खेद वाली वस्तु को जो मानते सुनकर ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक .
डॉ.ओ.पी.व्यास
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