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3 जन॰ 2018

332 / 24 /....भर्तृहरि वैराग्य शतक ...कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है |किसी ने भी धरा धारी नहीं भोगी नहीं है ||..डॉ.ओ.पी.व्यास

332 /24 /..
कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है|
भर्तृहरि वैराग्य शतक ...
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास ..
कई राजा गण गये परलोक पर पृथ्वी वही है |
किसी ने भी तो धरा धारी नहीं भोगी नहीं है ||
गर्व क्यों करते हो पा पृथ्वी के अंश के भी अंश |
मानना   ,पृथ्वी पति ,  दावा नहीं  ,   है    दंश ||
पर   विषय   आश्चर्य का, ,हैं मूर्ख, वे सब नर |
खेद   वाली   वस्तु   को   जो   मानते सुनकर ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक .
.काव्य भावानुवाद
डॉ.ओ.पी.व्यास

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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद