331 . नया साल आया | नया साल आया ||
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
एक बेहतरीन उर्दू रचना ..
डॉ. ओ.पी.व्यास
नया साल आया | नया साल आया |
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
[ 1 ]
गुलशन के गुंचों पे आईं बहारें |
ख़ुशी की सबाएं ,सुख की फुहारें ||
जिनके दमों से मिला है ये मंज़र ,
हमें आज उनका , फिर ख़याल आया ||
नया साल आया ..
पुराने गमों को ...
[ 2 ]
वो भगतसिंह अशफाक़ को हम ना भूलें |
जो फांसी के फंदों पे हंस हंस के झूले ||
अमर सब शहीदों को, हम याद कर लें ,
डरे ना कभी जब महा काल आया |
नया साल आया ...
पुराने गमों को ..
[ 3 ]
वो झांसी की रानी को याद कर लें |
गांधी , जवाहर को उर में धर लें ||
जो लाला लाजपत ने , जो लज्जा बचाई ,
शमा हिन्द पे जलने जो , तिलक बाल आया |
नया साल आया .
पुराने गमों को ..
[ 4 ]
ये तिकडम ये चालें , करें ज्यादा ना हम |
शहीदों की रूहों को ,दें ज्यादा ना गम ||
यहीं पे , कहीं पे वो सो रहे हैं ,
यही सब जताने को भू चाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 5 ]
तरक्की तो हमने , यकीनन है कर ली |
गरीबों की सुधि तो नहीं आज तक ली ||
अब भी है मौक़ा उन्हें गले से लगा लें ,
दिलों में ये फिर से उबाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 6 ]
ये बार बार बापू की कसमों को खा के |
वे कोमी तराने कई कई बार गा के ||
ला पाए क्या हम , सही में आज़ादी ,
खड़ा पूंछता, दर पे ,वो कंगाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 7 ]
वो झन झन झनन , झन झन झनन झन |
वो टूटीं गुलानी की जंजीरें , खनन खन ||
दिखाने हमें फिर से , ये साल आया |
नया साल आया , नया साल आया |
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
नोट .. ये उर्दू की बहुत खूबसूरत नज़्म [ कविता ] है उम्मीद है आपको पसंद तो आयेगी ही ,हमें सोचने को भी मज़बूर कर देगी | शुक्रिया ..जय हिन्द | नया साल मुबारक | हैपी न्यू ईअर |...
यह कविता लग भग २५ साल पहिले लिखी थी| मगर आज भी प्रासंगिक है ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
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पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
एक बेहतरीन उर्दू रचना ..
डॉ. ओ.पी.व्यास
नया साल आया | नया साल आया |
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
[ 1 ]
गुलशन के गुंचों पे आईं बहारें |
ख़ुशी की सबाएं ,सुख की फुहारें ||
जिनके दमों से मिला है ये मंज़र ,
हमें आज उनका , फिर ख़याल आया ||
नया साल आया ..
पुराने गमों को ...
[ 2 ]
वो भगतसिंह अशफाक़ को हम ना भूलें |
जो फांसी के फंदों पे हंस हंस के झूले ||
अमर सब शहीदों को, हम याद कर लें ,
डरे ना कभी जब महा काल आया |
नया साल आया ...
पुराने गमों को ..
[ 3 ]
वो झांसी की रानी को याद कर लें |
गांधी , जवाहर को उर में धर लें ||
जो लाला लाजपत ने , जो लज्जा बचाई ,
शमा हिन्द पे जलने जो , तिलक बाल आया |
नया साल आया .
पुराने गमों को ..
[ 4 ]
ये तिकडम ये चालें , करें ज्यादा ना हम |
शहीदों की रूहों को ,दें ज्यादा ना गम ||
यहीं पे , कहीं पे वो सो रहे हैं ,
यही सब जताने को भू चाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 5 ]
तरक्की तो हमने , यकीनन है कर ली |
गरीबों की सुधि तो नहीं आज तक ली ||
अब भी है मौक़ा उन्हें गले से लगा लें ,
दिलों में ये फिर से उबाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 6 ]
ये बार बार बापू की कसमों को खा के |
वे कोमी तराने कई कई बार गा के ||
ला पाए क्या हम , सही में आज़ादी ,
खड़ा पूंछता, दर पे ,वो कंगाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
[ 7 ]
वो झन झन झनन , झन झन झनन झन |
वो टूटीं गुलानी की जंजीरें , खनन खन ||
दिखाने हमें फिर से , ये साल आया |
नया साल आया , नया साल आया |
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
नोट .. ये उर्दू की बहुत खूबसूरत नज़्म [ कविता ] है उम्मीद है आपको पसंद तो आयेगी ही ,हमें सोचने को भी मज़बूर कर देगी | शुक्रिया ..जय हिन्द | नया साल मुबारक | हैपी न्यू ईअर |...
यह कविता लग भग २५ साल पहिले लिखी थी| मगर आज भी प्रासंगिक है ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
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