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1 जन॰ 2018

331 / नया साल आया , नया साल आया | पुराने गमों को कहीं डाल आया || एक बेहतरीन उर्दू रचना ..डॉ.ओ.पी.व्यास

331 . नया साल आया | नया साल आया  ||
         पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
                               एक बेहतरीन उर्दू रचना ..
                                              डॉ. ओ.पी.व्यास
नया साल आया | नया साल आया  |
पुराने गमों को कहीं डाल आया ||
                    [ 1 ]
गुलशन के गुंचों पे आईं बहारें |
ख़ुशी की सबाएं ,सुख की फुहारें ||
जिनके दमों से मिला है ये मंज़र ,
हमें आज उनका , फिर ख़याल आया ||
नया साल आया ..
पुराने गमों को ...
                     [ 2 ]
वो भगतसिंह अशफाक़ को हम ना भूलें |
जो फांसी के फंदों पे हंस हंस के झूले ||
अमर सब शहीदों को, हम याद कर लें ,
डरे ना कभी जब महा काल आया |
नया साल  आया ...
पुराने गमों को ..
                      [ 3 ]
वो झांसी की रानी को याद कर लें |
गांधी , जवाहर को उर में धर लें ||
जो लाला  लाजपत ने , जो लज्जा बचाई ,
शमा हिन्द पे जलने जो , तिलक बाल आया |
नया साल आया .
पुराने गमों को ..
                      [  4 ]
ये तिकडम ये चालें  , करें ज्यादा ना हम |
शहीदों की रूहों को ,दें ज्यादा ना गम ||
यहीं पे , कहीं पे वो सो रहे हैं ,
यही सब जताने को भू चाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
                       [ 5 ]
तरक्की  तो हमने , यकीनन है कर ली |
गरीबों की सुधि तो नहीं आज तक ली ||
अब भी है मौक़ा उन्हें गले से लगा लें ,
दिलों में ये फिर से उबाल आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
                         [ 6 ]
ये बार बार बापू की कसमों  को खा के |
वे  कोमी तराने कई  कई  बार गा के ||
ला पाए क्या हम , सही में आज़ादी  ,
खड़ा पूंछता,  दर पे ,वो कंगाल  आया |
नया साल आया ..
पुराने गमों को ..
                        [ 7 ]
वो झन झन झनन , झन झन झनन झन |
वो  टूटीं गुलानी की जंजीरें , खनन  खन ||
दिखाने हमें फिर से , ये साल आया  |
नया साल आया , नया साल  आया  |
पुराने गमों को कहीं  डाल आया   ||
नोट .. ये उर्दू की बहुत खूबसूरत नज़्म [ कविता ] है उम्मीद है आपको पसंद तो आयेगी ही ,हमें सोचने को भी मज़बूर कर देगी | शुक्रिया ..जय हिन्द  | नया साल मुबारक |  हैपी न्यू ईअर |...
यह कविता लग भग २५ साल पहिले लिखी थी| मगर आज भी प्रासंगिक है ..
                                                                                            डॉ.ओ.पी.व्यास
                                                 
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