मेरे द्वारा समय समय पर लिखी गयीं विभिन्न कविताओं के अंश
फुलझड़ियाँ
भजन करो तुम जम के प्यारे जम के दूत ठाडे हैं द्वारे
कोई काम ना जब आएगा,भजन ही आयेंगे काम तिहारे।
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नों दिन भैय्या खूब मनाई तुमने नोदुर्गा,
दसवें दिन दारू को पीकर काटे सॉ मुर्गा।.
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जिन्दे में तो देते नहीं हैं ,माता पिता को खाने .
मरने के बाद पीछे पीछे फेंकत चले मखाने।
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ओ मोरे गाँधी बब्बा, ओ मोरे गाँधी बब्बा .
आ कर देश बचालो भारत ,गोल हो रहा डब्बा
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स्वीकारें मेरा सलाम जी, आये वहां से जहां गये राम जी ,
देश ने वैंसे लिया जम्प जी, सचिन तेदुलकर ने उखाड़े स्टम्प जी ,
पर ले कर कुछ नेता पम्प जी, कर रहे हैं बहुतही हडकम्प जी,
करें देश को ये बदनाम जी, एपीजे अब्दुल कलाम जी
ऐंसी कोई बनाओ मिसाइल बोएं बबूल और निकलें आम जी ,
एपीजे अब्दुल कलाम जी , स्वीकारें मेरा सलाम जी।
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