आठ शक्तियाँ ?
ब्रह्मा कुमारी आश्रम ज्ञान मुरली पर आधारित एक सुंदर कविता ...
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समेटना ,सहना, समाना ,परख ,निर्णय ,सामना |
सहयोग और विस्तार आठों शक्तिओं की कामना ||
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कहता है मीठा बाबा , सुनें बच्चे, बच्चियां |
पैदा करो स्वयं में तुम आठ शक्तियाँ |
तैयार पेटी , बिस्तर रख ,लो ,समेट कर |,
वृक्षों के जैसी , सहने की शक्ति , पैदा कर ||
सागर से, समाने ,की, तू बच्चे शक्ति ले |
रत्नों को परखने , की तू बच्चे युक्ति ले ||
तू सीख ,तराजू से,,निर्णय, सभी करना |
कर , सामना , जो देखे ,आत्मीय का मरना |
विस्तार और संकीर्ण गुण कछुओं से ही पा ले ||
नर होवें सब नारायण , बनें नारी लक्ष्मियां |
कहता है मीठा बाबा , तुम ले लो युक्तियाँ ||
पैदा करो स्वयं में तुम आठ शक्तियाँ |
कहता है मीठा बाबा सुनें बच्चे बच्चियां ||
[बी.के. डॉ.ओ.पी. व्यास गुना म.प्र.]
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