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29 मई 2017

यह पढाई है अनोखी,जो बिना आवाज़ है | रहना चुप , और याद करना , मंत्र का यह राज़ है ||

यह पढाई  है अनोखी , जो  बिना  आवाज़  है...
यह पढाई है अनोखी जो बिना  आवाज़ है |
   रहना चुप और  याद करना  मन्त्र का यह राज़ है ||
मन्त्र यह  परमात्मा  का ,नशा उसका  चढ़  रहा |
                         चलन रॉयल  हुई नशे में,ज्ञान हम में  बढ़ रहा ||
मुख से बोली  हो गई कम , फ़ालतू बातें  नहीं |
                              रत्न मुख से लगे झरने ,जगत से नाते नहीं ||
प्रभु  की हो  सन्तान  तुम  ही , रौयल्टी  में तुम रहो |
                   पाठ  नियमों  से  पढो  सब ,ज्ञान  से मत  गुम रहो ||
वाणी से भी परे  जाने  की करो प्रेक्टीस  सदा |
                      गीत और   संगीत छोड़ो  , ज्ञान  की  ले  लो गदा ||
मत उदासी  में रहो अब , बाबा  का सब साज  है |
       ख़ार  यादों  से   निकालो , याद का ही  काज  है  ||
यह पढाई है  अनोखी , जो बिना आवाज़ है |
 रहना  चुप और याद करना , मन्त्र का यह राज़ है ||
[ यह  रचना  ब्रह्मा कुमारी  आश्रम  की  ज्ञान  मुरली  पर  आधारित  है|]
        [ 19/9/1999   रविवार ...बी.के.  डॉ.ओ.पी.व्यास गुना  म.प्र. भारत ]
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद