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12 सित॰ 2016

[ १८ ] रोके भले विधि हंस को , करता हो जो विलास | पर नीर क्षीर गुण ना रुके ,जो गुण , उसके पास ||

[ १८  ]

रोके भले विधि हंस को ,
                            करता हो जो विलास |
पर नीर क्षीर गुण ना रुके ,
                            जो गुण , उसके पास ||

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद