[ २० ]
विद्या से ही होत है ,
नर का सुन्दर रूप |
विद्या ही है गुप्त धन ,
भरा हुआ एक कूप ||
राजा विद्या पूजता ,
धन की करे ना कोई पूजा |
विद्या हीन मनुष्य पशु है ,
कारण और ना दूजा ||
विद्या से ही होत है ,
नर का सुन्दर रूप |
विद्या ही है गुप्त धन ,
भरा हुआ एक कूप ||
राजा विद्या पूजता ,
धन की करे ना कोई पूजा |
विद्या हीन मनुष्य पशु है ,
कारण और ना दूजा ||