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13 सित॰ 2016

21 ....यदि क्षमा है तो कवच का क्या करोगे ? | क्रोध है यदि शत्रु से फिर क्यों मरोगे ? ||.......

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यदि क्षमा है तो कवच का क्या करोगे ? |
                     क्रोध है यदि शत्रु से फिर क्यों  मरोगे ? ||
जाति है यदि , अग्नि की क्या है ज़रूरत  ?|
                      मित्र सुह्रद  पास हैं यदि , क्या दवा और क्या मुहूरत ?  ||
यदि तुम्हारे पास दुर्जन , वही काला सर्प है |
                          यदि तुम्हारे पास विद्या , धन का  संचय  , व्यर्थ है ||
मूल्य क्या आभूषणों  का ? ,बड़ा भूषण एक लज्जा |
                           तुच्छ हैं सब  राज्य जग के ,बड़ी सब से एक कविता || 21
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद