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जान लीजिए आप कुछ , अब लोकिक व्यवहार |
नर वह कुशल जो जानता , इनको ब्योरेवार ||
स्वजनों पर होवें उदास , दया करें परिजन पर |
प्रेम साधु पुरुष पर कीजे ,शठता करें दुर्जन पर ||
बात नीति की राज पुरुषों से , विद्वानों से सरलता |
वीरोचित हो बात शत्रु से ,गुरुजनों से , सहनशीलता ||
नारी जनों से करें घ्रष्टता , नहीं है अनुचित कार्य |
यह लोकिक व्यवहार करे जो ,वही कुशल है आर्य ||
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जान लीजिए आप कुछ , अब लोकिक व्यवहार |
नर वह कुशल जो जानता , इनको ब्योरेवार ||
स्वजनों पर होवें उदास , दया करें परिजन पर |
प्रेम साधु पुरुष पर कीजे ,शठता करें दुर्जन पर ||
बात नीति की राज पुरुषों से , विद्वानों से सरलता |
वीरोचित हो बात शत्रु से ,गुरुजनों से , सहनशीलता ||
नारी जनों से करें घ्रष्टता , नहीं है अनुचित कार्य |
यह लोकिक व्यवहार करे जो ,वही कुशल है आर्य ||
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