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13 सित॰ 2016

२२ ...जान लीजिए आप कुछ अब लौकिक व्यवहार | नर वह कुशल जो जानता इनको व्योरेवार ||.....

२२ ...
 जान लीजिए  आप कुछ , अब लोकिक  व्यवहार  |
           नर वह कुशल जो जानता , इनको  ब्योरेवार  ||
स्वजनों पर होवें उदास  , दया करें परिजन पर |
           प्रेम साधु पुरुष पर कीजे ,शठता करें दुर्जन  पर ||
बात नीति की राज पुरुषों से , विद्वानों से सरलता |
   वीरोचित हो बात शत्रु से ,गुरुजनों  से , सहनशीलता  ||
नारी जनों से करें घ्रष्टता , नहीं है अनुचित  कार्य |
       यह लोकिक व्यवहार करे जो ,वही कुशल है आर्य  ||
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद