पृष्ठ

14 सित॰ 2016

23 ...सत संगति में बहुत गुण , हर नर को हितकारी | मन होता प्रसन्न, कीर्ति से , भरें दिशाएं सारी ||..............

23 ...

सत संगति में बहुत गुण , हर नर को हितकारी |
                       
         मन होता प्रसन्न , कीर्ति से भरें  ,  दिशाएँ सारी  ||

जड़ता दूर करे सत्संगति , भरे  सत्य से वाणी  |

           पाप समूह नष्ट हो जाते , नर हो जाता मानी ||

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद