भर्तृहरि वैराग्य शतक ..334 / 26 / ..
काव्य भावानुवाद...
क्या प्रयोजन ? राज्य ,की हमको सभा से |
हमको क्या ? मतलब है , हानि से नफ़ा से ||
हम ना लम्पट हैं , ना नट , ना ही गवैय्ये |
पर द्वेष वाली बुद्धि से हमें दूर ही कहिये ||
ना ही हम कोई कामिनी योवन भार से झुकी |
इसलिए हम आप से ना ही सुखी ना ही दुखी ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी. व्यास
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