335/ 27 /.. पूर्व काल में विद्या का था , एक मात्र उद्देश |
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
काव्य भावानुवाद ...
डॉ. ओ. पी. व्यास ...
पूर्व काल में विद्या का था , एक मात्र उद्देश |
विद्वानों का हरण हो सके किसी भांति से क्लेश ||
कुछ काल किया इसको विषयी पुरुषों ने धारण |
हुई अधो गति विद्या ,नृप विमुख शास्त्र के कारण ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी. व्यास
2 / 2 / 1997 सोमवार
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
काव्य भावानुवाद ...
डॉ. ओ. पी. व्यास ...
पूर्व काल में विद्या का था , एक मात्र उद्देश |
विद्वानों का हरण हो सके किसी भांति से क्लेश ||
कुछ काल किया इसको विषयी पुरुषों ने धारण |
हुई अधो गति विद्या ,नृप विमुख शास्त्र के कारण ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी. व्यास
2 / 2 / 1997 सोमवार
श्री मान आगम प्रसाद जी मार्केटिंग मैनेजर साहब l i c डॉ. ओ.पी.व्यास jt.सेक्रेटरी जीवन बीमा अभिकर्ता संघ गुना म.प्र.
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