336 / 28 ...धन्य सफल जन्मा था कोई , किसी पूर्व के काल |
भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
हिंदी काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
धन्य सफल जन्मा था हुआ कोई , किसी पूर्व के काल |
जिसका शिव ने अलंकार में , धारा शुभ्र कपाल ||
धन्य धन्य है इस धरती पर , हो गये कैसे प्राणी |
अब तो नर निज तुच्छ प्राण , के रक्षा के अभिमानी ||
[28 ]
डॉ.ओ.पी.व्यास
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भर्तृहरि वैराग्य शतक ..
हिंदी काव्य भावानुवाद ..
डॉ.ओ.पी.व्यास
धन्य सफल जन्मा था हुआ कोई , किसी पूर्व के काल |
जिसका शिव ने अलंकार में , धारा शुभ्र कपाल ||
धन्य धन्य है इस धरती पर , हो गये कैसे प्राणी |
अब तो नर निज तुच्छ प्राण , के रक्षा के अभिमानी ||
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डॉ.ओ.पी.व्यास
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