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28 अक्तू॰ 2019

क्या नहीं जानते सारे जग में, सब ही हैं एक दूजे के बाप-..डॉ. ओ.पी .व्यास

बार बार एटम की धमकी, क्यों देते फ़िरते हैं आप ।
क्या नहीं जानते सारे जग में, सब ही हैं, एक दूजे के बाप।।
सारे जग में शांति रहे, इस हेतु बना, यह संयुक्त राष्ट्र का संघ ।
क्यों उन्मत्त नशे में डोलो, ज्यों पी ली हो सूरा या भंग।।
कयों लड़ते रहते हो व्यर्थ ही, क्यों करते रहते हुड़ दंग।
क्यों एक दूसरे को ठगते हो, क्यों करते रहते हो जंग।।
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद