76...........[ 1 ] ...........
मित्रता दूध पानी जैसी ?
होते सज्जन मित्र हैं कैसे |
एक उदाहरण सुनिए जैसे ||
जल ने दूध के संग मिलकर के |
मैत्री दृढ़ की , गुण ले कर के ||
दूध ने जल को किया समान |
किया मित्र का यों सम्मान ||
जल ने देखा दूध जलता है |
मित्र बचाने जल जलता है |
स्वयं अग्नि में डाला होम |
जय जयकार हुई सब व्योम ||
व्याकुल हुआ दूध तब भारी |
चला दाह को कर तैय्यारी ||
तभी मित्र जल ने बाहर से |
शीतल छींटों को दे कर के ||
शीघ्र दूध को कर दिया स्थिर |
और दूध भी शांत हुआ फिर ||
क्यों कि दूध ने पाया जल मित्र |
ऐंसा उदाहरण ना अन्यत्र ||
[ 76 ] ..........[ 1 ]
....नोट .... इस श्लोक का काव्यानुवाद दुसरे तरीके से भी किया है ....
....हमने दोस्ती की है साथ हम निभाएंगे |
चाहे कुछ भी हो जाए छोड़कर ना जाएंगे ||
...... क्रमशः .....डॉ.ओ.पी.व्यास
इसे कब्बाली रूप में गाया जा सकता है इसे पूरा बाद में प्रकाशित करेंगे |
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मित्रता दूध पानी जैसी ?
होते सज्जन मित्र हैं कैसे |
एक उदाहरण सुनिए जैसे ||
जल ने दूध के संग मिलकर के |
मैत्री दृढ़ की , गुण ले कर के ||
दूध ने जल को किया समान |
किया मित्र का यों सम्मान ||
जल ने देखा दूध जलता है |
मित्र बचाने जल जलता है |
स्वयं अग्नि में डाला होम |
जय जयकार हुई सब व्योम ||
व्याकुल हुआ दूध तब भारी |
चला दाह को कर तैय्यारी ||
तभी मित्र जल ने बाहर से |
शीतल छींटों को दे कर के ||
शीघ्र दूध को कर दिया स्थिर |
और दूध भी शांत हुआ फिर ||
क्यों कि दूध ने पाया जल मित्र |
ऐंसा उदाहरण ना अन्यत्र ||
[ 76 ] ..........[ 1 ]
....नोट .... इस श्लोक का काव्यानुवाद दुसरे तरीके से भी किया है ....
....हमने दोस्ती की है साथ हम निभाएंगे |
चाहे कुछ भी हो जाए छोड़कर ना जाएंगे ||
...... क्रमशः .....डॉ.ओ.पी.व्यास
इसे कब्बाली रूप में गाया जा सकता है इसे पूरा बाद में प्रकाशित करेंगे |
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