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सज्जन , सामान्य और नीच हैं ,
तीन, पुरुष के नाम |
और जैसा इनका नाम है ,
वैसा इनका काम ||
सज्जन कार्य स्वयं का छोड़ें |
पर हित की चिंता में दौड़ें ||
जिन्हें सामान्य पुरुष हम कहते |
अपना कार्य तो करते रहते ||
साथ साथ ही परहित करते |
इसी तरह वे जग में चलते ||
किन्तु नीच कुछ राक्षस होते |
ख़ुश तब होते , जब सब रोते ||
वे स्वार्थ सिद्धि में तत्पर रहते |
और के कार्य मिटाकर रहते ||
कार्य पराये मिटायें अकारण |
ऐंसे नीच का क्या उच्चारण ||
[ 75 ]
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सज्जन , सामान्य और नीच हैं ,
तीन, पुरुष के नाम |
और जैसा इनका नाम है ,
वैसा इनका काम ||
सज्जन कार्य स्वयं का छोड़ें |
पर हित की चिंता में दौड़ें ||
जिन्हें सामान्य पुरुष हम कहते |
अपना कार्य तो करते रहते ||
साथ साथ ही परहित करते |
इसी तरह वे जग में चलते ||
किन्तु नीच कुछ राक्षस होते |
ख़ुश तब होते , जब सब रोते ||
वे स्वार्थ सिद्धि में तत्पर रहते |
और के कार्य मिटाकर रहते ||
कार्य पराये मिटायें अकारण |
ऐंसे नीच का क्या उच्चारण ||
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