श्लोक क्र . 3
होता है प्रसन्न वह प्राणी ,
जिसको होता है अज्ञान |
उससे भी प्रसन्न वह प्राणी ,
जिसको होता है कुछ ज्ञान ||
पर ब्रह्मा भी समझा ना सकें ,
एक बात यह रखिए ध्यान |
जो ना ज्ञानी ना अज्ञानी ,
समझे वह कैसे नादान ||
होता है प्रसन्न वह प्राणी ,
जिसको होता है अज्ञान |
उससे भी प्रसन्न वह प्राणी ,
जिसको होता है कुछ ज्ञान ||
पर ब्रह्मा भी समझा ना सकें ,
एक बात यह रखिए ध्यान |
जो ना ज्ञानी ना अज्ञानी ,
समझे वह कैसे नादान ||