जिम्मेदारी उसी पे आती ....कविता .
जिम्मेदारी उसी पे आती, जो हो जिम्मेदार|
चलते हुए बैल के पुठ्ठे पर, घुसती है आर ||
जिस घोड़े पर करें सबारी, वो सहता है मार|
धरती वही तो खोदी जाती, जो सहती है भार||
जिस को सब कहते गृह लक्ष्मी, वो हर दम बीमार|
यही रीति सारी दुनिया की, कोई देखे ना आधार||
सभी लोग मेहराबें देखें, सब मतलब के यार|
जिम्मेदारी उसी पे आती, जो हो जिम्मेदार|
[डॉ . ओ.पी.व्यास गुना म.प्र.]