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27 अप्रैल 2014

होली की बौछार ...डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र


होली की बौछार

[डॉ.ओ.पी. व्यास गुना म.प्र.]


प्रेम और सौहाद्र का त्यौहार है होली .

ज़िन्दगी में प्यार की ,बौछार है होली ..
हुआ मौसम हंसी ,फागुन बन गया सावन ,

खुशिओं का ले आई ये ,अम्बार है होली ..
जला डाले गिले  ,शिकवे ,आज होली में ,
सभी एक रंग ,रंग गये ,वो प्यार है होली ..
कौन नीचा ,कौन ऊंचा ,आज के दिन है ,
हम सभी हों ,एक ,ये आधार है होली ..
धर्म कोई हो ,कर्म तो भाई चारा हो ,
यही समझाने आ रही हर बार है होली ..
सभी की है एक भाषा ,एक ही रंग है ,
इश्क पर रखती,पूरा अधिकार है होली

भागी सब ढिठाई,अब तो बातों में मिठाई है ,
हुआ ऊंचा या नीचा माफ़ ,सरकार है होली ..

होली [पवित्रता ]हो ली ,हो ली होली होनी थी सो हो ली ,
सभी को तारने आई है ,ये अवतार है होली ..
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद