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9 मार्च 2014

मलाला युसूफ जई ...

            मलाला युसूफ जई



जो कष्ट दूसरों के हित सहते, 
वो नाम मलाला युसूफ है । 

वो गोली से डरी नहीं, 
और मुंह से निकाला ना उफ़ है ॥ 

वो तालिबान को भी नफरत से,नहीं देखती, 
दिल में उसके प्यार है। 
वो तालिबान के बच्चों की, 
तालीम को भी तैयार है। 

जो कहती पढना ,लिखना ,
हर बच्चे का अधिकार है ॥ 

ले लो कलम किताब हाथ में ,
वो ही बड़ा हथियार है । 

सीखी दया -मोहम्मद से ,
ईसा से,और बुध्ध से । 

मार्टिन लूथर किंग ,मंडेला, 
जिन्ना [अली मोहम्मद] से ॥ 

गांधीजी बादशाह खान, 
और मदर टेरेसा की शिक्षा । 

माता ,पिता ,बुजुर्गों,गुरुओं ,
से सीखी बस, एक क्षमा। 

जो घोर गरीबी ,जाति वाद ,
 बे इंसाफी, अकाल हैं॥ 

इन से पानी है निज़ात,
बुनियादी ये ही सवाल हैं॥ 

गोली मारी तालिबान ने ,
जो थी उसके माथे पर। 

उस से भय ,कमज़ोरी मर गई ,
अब ताक़त आई काँधे पर॥ 

अब वही मलाला युसूफ जई ,
आज खड़ी है ताक़त से । 

अब सबको पाना छुटकारा ,
तालिबान की आफ़त से॥ 

[डॉ . ओ. पी . व्यास गुना म.प्र.] 

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद