मलाला युसूफ जई
जो कष्ट दूसरों के हित सहते,
वो नाम मलाला युसूफ है ।
वो गोली से डरी नहीं,
और मुंह से निकाला ना उफ़ है ॥
वो तालिबान को भी नफरत से,नहीं देखती,
दिल में उसके प्यार है।
वो तालिबान के बच्चों की,
तालीम को भी तैयार है।
जो कहती पढना ,लिखना ,
हर बच्चे का अधिकार है ॥
ले लो कलम किताब हाथ में ,
वो ही बड़ा हथियार है ।
सीखी दया -मोहम्मद से ,
ईसा से,और बुध्ध से ।
मार्टिन लूथर किंग ,मंडेला,
जिन्ना [अली मोहम्मद] से ॥
गांधीजी बादशाह खान,
और मदर टेरेसा की शिक्षा ।
माता ,पिता ,बुजुर्गों,गुरुओं ,
से सीखी बस, एक क्षमा।
जो घोर गरीबी ,जाति वाद ,
बे इंसाफी, अकाल हैं॥
इन से पानी है निज़ात,
बुनियादी ये ही सवाल हैं॥
गोली मारी तालिबान ने ,
जो थी उसके माथे पर।
उस से भय ,कमज़ोरी मर गई ,
अब ताक़त आई काँधे पर॥
अब वही मलाला युसूफ जई ,
आज खड़ी है ताक़त से ।
अब सबको पाना छुटकारा ,
तालिबान की आफ़त से॥
[डॉ . ओ. पी . व्यास गुना म.प्र.]