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10 मार्च 2014

यदि क्षमा है तो कवच का क्या करोगे ?---डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र.

  भर्त्रहरी शतक [ नीति शतक ]
[काव्यानुवाद --डॉ.ओ.पी .व्यास  गुना म.प्र.]
            
यदि क्षमा है,
 तो कवच का क्या करोगे ?
क्रोध है यदि,
 शत्रु से, फिर क्यों मरोगे ?
मूल्य क्या आभूषणों का ?
 बड़ा भूषण एक लज्जा,
तुच्छ हैं ये राज्य जग के,
बड़ी सब से एक कविता।  
यदि तुम्हारे पास दुर्जन,
वही काला सर्प है। 
यदि तुम्हारे पास विद्या,
 धन का संचय व्यर्थ है॥ 


भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद