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19 जन॰ 2014

कविताएं किसे सुनाएँ ...कवि की वेदना ....भर्तृहरी [नीति शतक ]काव्य भावानुवाद


भर्तृहरी  [नीति शतक ]काव्य भावानुवाद

डॉ . ओ . पी . व्यास गुना म . प्र . भारत

विद्वद जन विद्या के मद से ग्रस्त । 

धनिक जनों से विद्वद हैं त्रस्त॥ 

और मूर्ख जन जिनकी बुद्धि अस्त ।


कौन सुनेगा कवितायें [ सुभाषित] सब के सब ही व्यस्त॥ 

[ पूरा विश्व तीन भागों में बंटा हुआ है ... विद्वान अपने आगे किसी की सुनना नहीं चाहते , धन वानो का साहित्य से कोई प्रयोजन नहीं है , बाक़ी संसार मूर्ख है अब कवितायें , सुभाषित किसे सुनाई जाएँ । ]

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद