आई आज सकारांत भाई ॥
मकर संक्रांति पर बच्चों की एक कविता .....
आई आज सकारांत भाई .....
आई आज सकारांत भाई ।
आज तो खुश हैं लोग लुगाई ॥
बन रहे लड्डू हैं घर , घर ।
चढ़ाते बच्चे जा मंदिर । ।
मौसम ने ले ली अंगड़ाई ।
खेलते गिल्ली और डंडे ।
भूल गए सब लोग ठंडे ॥
आसमान में पतंगे लहराई ॥
आई आज सकारांत भाई ।
आज तो खुश हैं लोग लुगाई ॥
उत्तरायण को सूरज आया ।
भारत ने सब को समझाया ॥
भारतीय संस्कृति सब पर छाई ॥
आई आज सकारांत भाई ॥
आज खुश हैं लोग लुगाई ॥
डॉ . ओ .पी .व्यास