पृष्ठ

15 जन॰ 2014

आई आज सकारांत भाई । आज तो खुश हैं लोग लुगाई ॥ ..............डॉ .ओ . पी . व्यास

आई आज सकारांत भाई ॥ 

मकर संक्रांति पर बच्चों की एक कविता .....

आई आज सकारांत भाई .....

आई आज सकारांत भाई । 

आज तो खुश हैं लोग लुगाई ॥ 

बन रहे लड्डू हैं घर , घर । 

चढ़ाते बच्चे जा मंदिर । । 

मौसम ने ले ली अंगड़ाई । 

खेलते गिल्ली और डंडे । 

भूल गए सब लोग ठंडे ॥ 

आसमान में पतंगे लहराई ॥ 

आई आज सकारांत भाई । 

आज तो खुश हैं लोग लुगाई ॥

उत्तरायण को सूरज आया । 

भारत ने सब को समझाया ॥

भारतीय संस्कृति सब पर छाई ॥

आई आज सकारांत भाई ॥ 

आज खुश हैं लोग लुगाई ॥ 

डॉ . ओ .पी .व्यास

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद