गणपति वन्दना ..
मुख है जिनका , गज के जैंसा ,
भूतादि गणों से सेवित जो |
सुंदर फल कपित्थ जामुन के ,
सेवन करते देव हैं वो ||
शोक विनाशक सूत जो उमा के ,
उन गज आनन गणपति को |
वन्दन उन पंकज पादों में ,
दास ' व्यास ' का निशि दिन हो ||
डॉ. ओ.पी.व्यास [418 ] उमा सुतं शोक विनाश कारक ,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजं |
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