धन्यवाद .
.भर्तृहरि वैराग्य शतक के संस्कृत से हिंदी काव्य भावानुवाद को ब्लॉग डॉ.ओ.पी.व्यास पर सम्पूर्ण 100 श्लोक प्रकाशित करते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है |
सबसे पहिले सौभाग्य वती श्रीमती कल्पना व्यास का आभार का आभार प्रकट करना चाहता हूँ |जिनने मुझे यह सुझाव दिया |जो संस्कृत में परम विद्वान हैं |
द्वितीय लघु भ्राता डॉ. मधु सूदन व्यास का आभारी हूँ जिनने मेरा ब्लॉग डॉ. ओ.पी.व्यास पोएट बनाया ,तथा उस पर प्रकाशन का सुझाव दिया | जिससे यह कार्य सम्भव हुआ |
तृतीय मैं अपनी धर्म पत्नी श्रीमती कृष्णा व्यास का आभारी हूँ जिनने लगातार मूक सेवा की | शायद जैंसी भानुमती ने महर्षि पाणिनी की सेवा की थी |
इसके अलावा उन सभी सुधि श्रोताओं का भी आभारी हूँ जो लगातार प्रोत्साहित करते रहे |
सभी ज्ञात अज्ञात सहयोगिओं को बहुत बहुत धन्यवाद |इतिशुभम |
डॉ.ओ.पी.व्यास
२६ . 3 ..२०१८ गुरुवार
26..3.. 2018
