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25 मार्च 2018

( 416 ) जब जल जाती पृथ्वी सारी , और गिरि सुमेरु हो खण्ड खण्ड | महा सिन्धुं भी जब सूखे , तब मानव तन तो अति मन्द || डॉ.ओ.पी.व्यास

..जब जल जाती पृथ्वी सारी, और गिरि सुमेरु हो खण्ड खण्ड |
महा   सिन्धु   भी   जब  सूखे , फिर मानव तन तो अति मन्द ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ,[ 416  ] ..श्लोक क्र.[ 100 ]
हिंदी काव्य भावानुवाद ,
डॉ.ओ.पी.व्यास
|| इति शुभम ||
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||इति भर्तृहरि कृत ..वैराग्य शतक ..हिंदी काव्य भावानुवाद ..डॉ.ओ.पी.व्यास||
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विशेष ..
जय जय योगिराज भर्तृहरि, जय जय आशुतोष भगवान |
ज्योति ..व्यास ..के पापी उर में , जला दीजिए शिव भगवान् ||
पूर्ण हुआ वैराग्य शतक .. ..धन्य धन्य है अपना  भाग्य |
हम सब पर भी.. शिव.. कृपा करें ,हम   में जगे परम वैराग्य |
नोट ..|वैराग्य शतक हिंदी काव्य भावानुवाद पूर्ण हुआ |.
                                                                 .डॉ.ओ.पी.व्यास
                               

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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद