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24 मार्च 2018

[ 410 ]..श्लोक क्र... [. 94 ] ...गर्भ वास में , सिकुड़े , सिमटे मल और मूत्र में रहता है | यौवन में प्रिय का वियोग , कष्ट अधिक ही देता है ||... डॉ.ओ.पी. व्यास

[  410 ]..
श्लोक क्र. [  94 ]..
 गर्भ वास में सिकुड़े  सिमटे , मल और मूत्र में रहता है |
                         यौवन में प्रिय का वियोग , कष्ट अधिक ही देता है ||
भर्तृहरि वैराग्य शतक ,
हिंदी काव्य भावानुवाद ,
डॉ.ओ.पी.व्यास ..
गर्भ वास  में सिकुड़े , सिमटे , मल और मूत्र में रहता है |
यौवन   में   प्रिय   का  वियोग , कष्ट अधिक ही देता है ||
वृद्ध हुए अब , शिथिल इन्द्रियां ,जग बुढ्ढा कह हँसता है |
अरे मनुष्य , बोल अब तू,क्या कभी तुझे सुख मिलता है ||
 श्लोक क्र. [  94 ]

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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद