362 ..श्लोक क्र51...
क्या ,? है वो कोई चाण्डाल, या कोई ज्ञानी पण्डित ||
क्या ,? है वो कोई चाण्डाल, या कोई ज्ञानी पण्डित ||
क्या ? है वो कोई चाण्डाल, या कोई ज्ञानी ,या पण्डित |
या वह कोई शूद्र , या तपस्वी, या कोई महिमा मण्डित ||
या कोई योगी, या तात्विक, या कोई पहुंचा महाजन |
बोलते हैं लोग, क्या? , क्या? 🎂, मीठे या कड़वे, कटु जो, हैं वचन ||
कैंसे? 8 भी छेड़े है कोई , पर ना योगी कुछ भी कहता |
ना तो क्रोधित , ना ही हर्षित , सदा ही वह शान्त रहता ||
क्या ?है वो कोई चाण्डाल, या कोई ज्ञानी पण्डित || [ 362 ]-भर्तृहरि वैराग्य शतक श्लोक क्र. [ 51] काव्य भावानुवाद ..डॉ.ओ.पी.व्यास
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