पृष्ठ

1 फ़र॰ 2018

[ 354 ] [[श्लोक क्र.43 ].भर्तृहरि वैराग्य शतक ..काव्य भावानुवाद..डॉ.ओ.पी.व्यास ....कैसा जीवन हमने है जिया


[354 ]  43 ] .कैसा जीवन हमने है जिया, क्या करना था क्या, हमने किया ,- भर्तृहरि वैराग्य शतक .[ 35 4 ] श्लोक क्र. [ 43 ].
कैसा जीवन हमने है जिया |
क्या करना था क्या, हमने किया ||
 विद्या  ही  पढ़ी   ना निष्कलंक |
ना   धन     से भी भर पाए अंक ||
                              ना   माता पिता की,   की  सेवा |
क्या किया है हमने, हें देवा ||
ना चंचल नयन सुन्दरी का ,
ना भोग किया है सपने में |
पर अन्न के लोभी कौओं में ,
और क्या अंतर रहा अपने में ||
[ 43 ] भर्तृहरि वैराग्य शतक- काव्य भावानुवाद डॉ.ओ.पी. व्यास 6 2 19 97 गुरूवार

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद