तीव्र करो पुरुषार्थ , व्यर्थ को दूर करो |
ऊंचा करो मनोबल , आलस चूर करो ||
मीठे बच्चो सुनो , गौर से बात सुनो |
परम धाम तक जाने का ही मार्ग चुनो ||
बाबा है अव्यक्त , तुम्हारे ही कारण |
हर्षित मुखता कर लो बच्चो तुम धारण ||
मन को बांधो शिव गुण करके उच्चारण |
आया तारनहार नाव करने तारन ||
मन को वश में कर के शक्तियाँ पूर करो |
माया वहीं आ सकती , जहाँ आसक्ति हो |
बिना ज्ञान के कोरी जहां पे भक्ति हो ||
करना विश्व कल्याण लक्ष्य अभिव्यक्ति हो |
शिव बाबा की ही दिल में अनुरक्ति हो ||
बच्चे ,अंतर में पैदा रूहानी नूर करो |
तीव्र करो पुरुषार्थ , व्यर्थ को चूर करो |
ऊंचा करो मनोबल आलस दूर करो ||
[यह रचना ब्रह्मा कुमारी आश्रम ज्ञान मुरली पर आधारित सुंदर चिन्तन परक रचना है |]
बी,के. डॉ. ओ.पी व्यास गुना म.प्र भारत 9/1/ 1998
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