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4 जन॰ 2017

[ 108 ] एक शूर पुरुष , सूरज जैसा ,पदा क्रान्त पृथ्वी करता | वश कर लेता अखिल विश्व ,जन जन में सुख को करता ||

भर्तृहरि नीति शतक  श्लोक क्र.[ 108 ]
काव्यानुवाद ..डॉ.ओ.पी.व्यास
एक शूर पुरुष सूरज जैसा, पदाक्रान्त पृथ्वी करता|
वश कर लेता अखिल विश्व, जन जन में सुख को भरता||
जैसे की भास्कर किरणों से, जग में प्रकाश फैलाता है |
देकर कण कण को वह जीवन, सबके मन को हर्षाता है||[ 108 ]
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद