भर्तृहरि नीति शतक श्लोक
क्र.[ 108 ]
काव्यानुवाद ..डॉ.ओ.पी.व्यास
एक शूर पुरुष सूरज जैसा, पदाक्रान्त पृथ्वी करता|
काव्यानुवाद ..डॉ.ओ.पी.व्यास
एक शूर पुरुष सूरज जैसा, पदाक्रान्त पृथ्वी करता|
वश कर लेता अखिल विश्व,
जन जन में सुख को भरता||
जैसे की भास्कर किरणों से, जग में प्रकाश फैलाता है |
जैसे की भास्कर किरणों से, जग में प्रकाश फैलाता है |
देकर कण कण को वह जीवन,
सबके मन को हर्षाता है||[ 108 ]
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