55.....
पास में यदि एक दुर्गुण लोभ |
अन्य दुर्गुण का करो मत क्षोभ ||
साथ रखते यदि चुगलपन आप |
क्या करोगे और करके पाप ||
मन में शुचिता मत करो ,
तीरथ में जाकर जाप |
सत्य है यदि , मत तपो,
फिर , और तप के ताप ||
साथी यदि सौजन्यता के हो ,
और गुण का गणित है क्या ?|
अगर हो महिमा मण्डित आप ,
करना उसको फिर प्रमाणित क्या ? ||
साथ में यदि कोई सद्विद्या |
क्यों? करो हो, धन की तुम चिंता ||
पहुंच गये हो यदि अपयशों के पास |
मृत्यु तो आ ही गई अब बचा क्या ?ख़ास ||
......................
................................................................................
पास में यदि एक दुर्गुण लोभ |
अन्य दुर्गुण का करो मत क्षोभ ||
साथ रखते यदि चुगलपन आप |
क्या करोगे और करके पाप ||
मन में शुचिता मत करो ,
तीरथ में जाकर जाप |
सत्य है यदि , मत तपो,
फिर , और तप के ताप ||
साथी यदि सौजन्यता के हो ,
और गुण का गणित है क्या ?|
अगर हो महिमा मण्डित आप ,
करना उसको फिर प्रमाणित क्या ? ||
साथ में यदि कोई सद्विद्या |
क्यों? करो हो, धन की तुम चिंता ||
पहुंच गये हो यदि अपयशों के पास |
मृत्यु तो आ ही गई अब बचा क्या ?ख़ास ||
......................
................................................................................