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10 सित॰ 2014

हिंदी ,उर्दू ...कविता ...डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र.

       हिन्दी उर्दू .....

जुदा नहीं हैं , हिंदी , उर्दू  दोंनों ,बहिनें , बहिनें हैं|
 एक ही भारत माँ की बेटी ,साथ साथ ही रहनें हैं||

अलंकार आभूषण दोंनों ,एक सरीखे पहिनें हैं|
 दोंनों मीठी प्यारी बोली , दोंनों के क्या कहनें हैं |
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद