हास्य कविता ....[डॉ.ओ.पी.व्यास ]
कनाड़ा जाने से पूर्व ...
कनाड़ा जाने से पूर्व ...
लड़का है इंदौर हमारा, लड़की रहे कनाड़ा है.।
जाना कैसे होवे सम्भव, लगे बहुत सा भाड़ा है॥
लड़का है इंदौर हमारा, लड़की रहे कनाड़ा है।
जाना कैसे होवे सम्भव, लगे बहुत सा भाड़ा है ॥
भारत में गरमी पडती है, वहां बहुत ही जाड़ा है।
क़दम क़दम पर खतरा खतरा, बंधा हुआ यम पाड़ा है॥
अब तो जाना लगभग तय है, बांध लिया अब नाडा है।
वहां पर नॉन वेज मिलता है, यहाँ पर वेज सिंघाड़ा है।
वहां जिन्हें ब्राइड ग्रूम कहें हैं, यहाँ वो लाड़ी लाड़ा है॥
वहां पर जिम हैं हेल्थ बनाने, यहाँ मलखम्भ अखाडा है।
यहाँ पर है बंगाल की खाड़ी, वहां हडसन का खाड़ा है॥
वहां पर पीने को हर किस्मी, यहाँ तुलसी का काढ़ा है।
होगा दूध वहां पर गाढ़ा, पर प्रेम यहाँ पर गाढा है ॥
वहां पर गोरी भूरी मेमें, यहाँ पर रानी हाड़ा है।
पर अब समय आया जाने का, बजने लगा नगाड़ा है ॥
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[डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र.]