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23 अग॰ 2014

वर्षा ..हिंदी कविता ...डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र.


हिंदी कविता ...
वर्षा 
[डॉ.ओ.पी.व्यास गुना म.प्र. ]

बरसन में दरसन भए , जब तरसन लागे नैन. 

अरसन की आशा मिटी,मन, हरसन ,सुख चैन ..

गरमी की करसन घटी ,कसकन ,कृषकन शांत .

जब सरसों सरसन लगी ,कवि तब भए अशांत .. 

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