पृष्ठ

18 नव॰ 2012

दीवाली दीवाला कर गयी1

हास्य कविता
   दीवाली 
 दीवाली दीवाला कर गयी ,होली कर गयी होल ।
घर वाली ने फाडीं जेबें , नोट टटोल टटोल ।।
नोट टटोल टटोल , हाथ में कुछ ना आया ।
जगह नोट के, कविता के नोटों को पाया ।।
कह कवि ओ,पी, व्यास ,मनी ऐंसे दीवाली ।
फूट गये सिर पैर, हो गयी खूब दिबा ली ।।
।।1।।

दिए जलाएं कैसे बोलो ,सब कुछ तो है मेंहगा ।
कहां से तुम को लुगड़ा लायें ,कहां से लायें लेंह्गा ।।
फुलझडियो की तुम्हें क्या चाहत ,ओ मेरी फुलझड़ी ।
जगह पटाखों के लो फोड़ो ,हाजिर मेरी खोपड़ी।।
मीठी मीठी बातें कर लो यह ही तो है मिठाई ।
मीठी बातों में मेंहगा क्या इसमें क्या मेंहगाई ।।
डॉ. ओ.पी. व्यास गुना म.प्र.
13।11।2012

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद