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18 नव॰ 2012

शुभ दीपावली

                  
शुभ  दीपावली 

मेंहगाई   में दीपावलि  पर , कैसा     होवे   रोल ।
कम ना होवे वस्तु कोई , हो खुशिओं का माहोल ।। 
हो खुशिओं का माहोल, ख़ुशी   की   बने  मिठाई ।
मीठी  बातों  की  ही  चाशनी  में जाये  डुबाई ।।
कह कवि ओ,पी ,व्यास , पठाके हों हंसने के ।
काम करें दुनिया में  जो हों दिल में बसने के
।।1।।

आतिशबाजी     यूं कहे  मो में लगे ना आग ।
सदा   आग धन में लगे ,भैय्या अब तू जाग ।।
भैया     अब  तू जाग ,    ना हो कोई दुर्घटना ।
हंसी  खुशी के जीवन में हों खुशिओं की घटना ।।
कह    कवि   ओ,पी,व्यास  ना होवे वायु प्रदूषण ।
हर एक व्यक्ति हो जाए दिव्य गुण रत्न विभूषण ।।2।।
डॉ ,ओ,पी,व्यास
 13.11.2012.

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद