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5 नव॰ 2018

धन्वन्तरि स्तुति ..धन्वन्तरि स्तुति- संस्कृत से हिंदी काव्य...डॉ ओ पी . व्यास

               धन्वन्तरि स्तुति-  (संस्कृत से हिंदी काव्य भावानुवाद )...

आविर्भूत हुए धन्वन्तरि,  ले पीयूष(अमृत )कलश, कर में ।

रोग शोक से पीड़ित जन ने, स्तुति करी, एक स्वर में ।।

पूर्ण हुई अमृत, अभिलाषा , अमर तत्व , पाया सुर ने ।

ओष धारऔषधियाँ आ गईं, गाँव गाँव और घर घर में ।।
* [ओष अर्थात अमृत को धारण करे सो, औषधि ]
..डॉ ओ.पी. व्यास..

( धन्वतरि स्तुति मूल रचना में) ... 
आविर्बभूव कलशं दद्य दरण वाद्य,
पीयूष पूर्ण ममरत्व कृते सुराणाम |
रुग्जाल जीर्ण जनता ,जनितउ ,प्रशंसउ,
भगवान धन्वंतरि स भविकाय भूयात ||


डॉ..ओ.पी .व्यास 
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद