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28 मई 2018

हर एक रोग में खाइये , आयुर्वेद के चूर्ण पूरी तरह लाभदायक हैं ,कर दें सर्व रोग को चूर्ण ।। डॉ ओपीव्यास

आयुर्वेद .के  अत्यंत उपयोगी
हानि रहित चूर्ण ..उदर रोग में -

  1. हिंगवष्टक चूर्ण - . पाचक है खाने के साथ या बाद 1 या 2 चम्मच घी या पानी से लें ।
  2. लवण भास्कर चूर्ण - .दीपन है भूख बढ़ाता है ।खाने के बाद  छाछ या पानी से दो समय लें ।
  3. अविपत्तिकर चूर्ण -   पेट की जलन , एसीडिटी हटाती है ।खाने के बाद 1से 2 चम्मच पानी या  दूध से लें।
  4. पंच सकार चूर्ण -   .कब्ज में रात को सोते समय 1 से 2 चम्मच गर्म या ठंडे पानी से लें ।
  5. तालिसादि चूर्ण -   .खांसी ,ज़ुकाम,सरदी में.. 1 से 2 चम्मच शहद, चाय या पानी से लें ।
  6. सितोपलादि चूर्ण - .कमज़ोरी, केल्शियम की कमी में, चक्कर ,घबराहट में शहद, दूध  या पानी से लें ।
  7. त्रिफला चूर्ण  -   रात को 1 से 2 चम्मच गर्म या ठंडे  पानी से लें।..यह कब्ज ,कोलेस्ट्रॉल ,मोटापा दूर करता है।

[ (427)..नोट ..डाई बिटीज वाले शहद ना लें , सितोपलादि ,तालीसादि में ,अविपत्तिकर चूर्ण में  मिश्री है ,जो डाईबिटीज में हानिकारक है।]





भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद