भर्तृहरि नीति शतक काव्यानुवाद ...डॉ.ओ.पी.व्यास
विधिना ने है लिख दिया, जैंसा जो भी ललाट |
फिर किस ? में सामर्थ्य है, उसको सके जो काट ||
उगें ना पत्ते यदि करील में, तो दोषी कहाँ ? वसंत |
सूर्य कहाँ ? है दोषी, देखें ना उल्लू श्रीमंत ||
मेघ कहाँ ? है दोषी, वर्षा जल ना पाए चातक |
दोषी कोई नहीं है, विधि का, जारी सारा नाटक ||94
भर्तृहरि नीति शतक
काव्यानुवाद ...डॉ.ओ.पी.व्यास
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