[ 91]...भर्तृहरि नीति शतक ....
काव्यानुवाद ....डॉ. ओ.पी. व्यास
काव्यानुवाद ....डॉ. ओ.पी. व्यास
भाग्य हीन जहाँ भी जाए, वहीं विपत्ति साथ ले जाए |
जैंसे गंजा व्यक्ति ,धूप से, बचने हेतु ताल तरु आए ||
एक बड़ा फल गिरे वृक्ष से, खल्वाटी का सिर फटजाए |
दैव बड़ा है, भाग्य बड़ा है, यह ही बात समझ में आए ||
भर्तृहरि नीति शतक श्लोक क्र.91
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