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26 नव॰ 2016

[ 92 ]...प्राणी हाथी जैंसा पकड़ा ,उसको बंधन में कर डाला | काला सर्प भयंकर विष धर , पकड़ टोकरी में बैठाला ||....


[ 92 ]भर्तृहरि नीति शतक 
काव्यानुवाद ...डॉ. ओ. पी.व्यास 
प्राणी हाथी जैसा पकड़ा, उसको बंधन में कर डाला |
काला सर्प, भयंकर, विषधर, पकड़ टोकरी में बैठाला ||
सूर्य चन्द्र से तेजस्वी ग्रह, उनको खाता राहू काला |
विद्वानों को देखा निर्धन, पल में खुला अकल का ताला ||
बुद्धि स्वस्थ हो गई हमारी, हट गया, पड़ा,मकड का जाला |
भाग्य बड़ा है दैव बड़ा है, विधि विधि जपूँ लिए कर माला ||
भर्तृहरि नीति शतक श्लोक क्र. [ 92 ]
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद