भर्तृहरि नीति शतक -काव्यानुवाद ...डॉ.ओ.पी.व्यास
महा रिपु आलस का ,
मानव तन से रहता योग |
मगर मिटें दुःख तत्क्षण तब ,
जब मित्र मिले उद्योग || श्लोक क्र. 87
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