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11 नव॰ 2016

87 ...महा रिपु आलस का ,मानव तन से रहता योग | मगर मिटें दुःख तत्क्षण तब ,जब मित्र मिले उद्योग ||

भर्तृहरि नीति शतक -काव्यानुवाद ...डॉ.ओ.पी.व्यास 

महा रिपु आलस का ,
                      मानव तन से रहता योग |
मगर मिटें दुःख तत्क्षण तब ,
                      जब मित्र मिले उद्योग || श्लोक क्र.  87 
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भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद